
2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) पेश किया गया।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे पेश करते हुए कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए लाया गया है।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक 2025?
वक्फ संशोधन विधेयक 2025, 1995 के वक्फ कानून में बदलाव का प्रस्ताव है। इसका मकसद वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।
सरकार का कहना है कि पुराने कानून में खामियां थीं, जिन्हें दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया।
मुख्य बदलाव क्या हैं?
इस बिल में कई अहम बदलाव हैं। पहला, वक्फ संपत्तियों की जांच अब कलेक्टर से ऊपर के अधिकारी करेंगे।
दूसरा, सेक्शन 40 को हटाया गया, जिसके तहत कोई भी जमीन आसानी से वक्फ घोषित हो सकती थी। तीसरा, तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा।
सरकार का पक्ष
किरेन रिजिजू ने कहा, “यह बिल किसी की जमीन नहीं छीनेगा। हमारा लक्ष्य वक्फ बोर्ड में सुधार लाना है।” उन्होंने दावा किया कि यह पूरे देश के हित में है, न कि किसी एक समुदाय के खिलाफ। सरकार इसे ऐतिहासिक कदम बता रही है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने इस बिल का कड़ा विरोध किया। कांग्रेस और सपा जैसे दलों का कहना है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है।
AIMPLB ने भी इसे अस्वीकार करते हुए देशव्यापी आंदोलन की बात कही। उनका आरोप है कि यह बिल संविधान के खिलाफ है।
क्या होगा असर?
अगर यह बिल पास होता है, तो वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन बदल जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे गरीब मुस्लिमों को फायदा होगा, लेकिन विरोधी इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर चोट मानते हैं। अब सबकी नजर संसद में होने वाली बहस पर है।
आगे की राह
लोकसभा में 8 घंटे की चर्चा के बाद इस बिल पर वोटिंग होगी। बीजेपी और उसके सहयोगी इसे पास करने के लिए तैयार हैं, जबकि विपक्ष इसे रोकने की कोशिश में जुटा है। आने वाले दिन बताएंगे कि यह बिल कानून बनेगा या नहीं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर बहस जारी है। यह बिल देश के लिए कितना फायदेमंद या नुकसानदायक होगा, यह समय बताएगा। आपकी क्या राय है?